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यशस्वी जायसवाल का पहला वनडे शतक — विशाखापत्तनम में भारत ने जीती सीरीज़? पूरा मैच रिव्यू और विश्लेषण


विशाखापत्तनम के निर्णायक तीसरे वनडे में यशस्वी जायसवाल ने खेला अपना पहला ODI शतक; रोहित शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20,000 रन पूरे किए। जानिये मैच का पूरा स्कोर, की-प्लेयर, मोड़ और भविष्य पर असर।




यशस्वी जायसवाल ने अपना पहला वनडे शतक बनाया और भारत की जीत की राह आसान कर दी। 

दक्षिण अफ्रीका को भारत ने 270 रनों पर ऑल-आउट किया; भारतीय गेंदबाजों में कुलदीप यादव और प्रसिध कृष्णा ने प्रभावी गेंदबाजी की। 

रोहित शर्मा ने इस मैच में 75 रनों की पारी खेलते हुए अंतरराष्ट्रीय करियर में 20,000 रन का बड़ा माइलस्टोन पूरा किया। 


तीन मैचों की सीरीज़ का निर्णायक मैच 6 दिसंबर 2025 को ACA-VDCA, विशाखापत्तनम में खेला गया। टॉस जीते भारतीय कप्तान ने पहले गेंदबाज़ी चुनी और दक्षिण अफ्रीका की टीम 270 रनों पर ऑल-आउट हुई। भारतीय लक्ष्य का पीछा करते हुए ओपनर यशस्वी जायसवाल ने 111 गेंदों में अपना पहला ODI शतक पूरा किया और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। रोहित शर्मा ने तेज़ शुरुआत दी और 75 रनों की अहम पारी खेली। 


दक्षिण अफ्रीका — 270 (47.5 ओवर)। मुख्य स्कोरर: क्विंटन डी कॉक 106। भारतीय गेंदबाज़ी में प्रसिध कृष्णा और कुलदीप यादव के विकेट महत्वपूर्ण रहे। 

भारत (चेज़) — 221/1 (36 ओवर्स) — यशस्वी जायसवाल 100*; विराट कोहली क्रीज़ पर। (लाइव इन-प्रोग्रेस स्टेटस जैसा रिपोर्ट हुआ)। 




क्यों यह पारी और यह परिणाम मायने रखता है


1. यशस्वी का रूपांतरण (Conversion): जायसवाल ने फॉर्मेट-वाइज़ कम समय में शतक बनाया — यह संकेत है कि युवा बल्लेबाज़ ने अपनी पारियों को लंबी दूरी तक खेलना सीख लिया है। 3-4 पारियों में शतक बनाकर उन्होंने तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने वाले भारतीयों की श्रेणी में खुद को दर्ज कर लिया। यह उनमें मैच-विनिंग क्षमता और मानसिक मजबूती की निशानी है। 


2. खुलते हुए जोड़ी का संतुलन: रोहित-यशस्वी की ओपनिंग जोड़ी ने मैच की शुरुआत में 150+ का साझेदार निभाकर गेंदबाज़ों पर दबाव बनाया — बड़े चेज में यह साझेदारी निर्णायक साबित हुई। रोहित की त्वरित पारी और जायसवाल की कंट्रोल्ड शतकीय पारी का संयोजन आदर्श रहा। 


3. बल्लेबाज़ी बनाम गेंदबाज़ी मुकाबला: पहले South Africa की तरफ से क्विंटन डी कॉक ने अच्छी पारी खेली (सहज़ 100+), पर भारतीय गेंदबाज़ों ने मध्यक्रम में विकेट लेकर तेजी से वापस मुकाबला खींचा। प्रसिध और कुलदीप की 4-4 विकेट वाली पारियां (या उनके प्रभाव) ने विरोधी स्कोर को रोकने में मदद की। ऐसे मैचों में मध्य ओवरों का नियंत्रण निर्णायक होता है। 


4. मानसिक और सीरीज़-इम्पैक्ट: टेस्ट सीरीज़ में पहले ही दक्षिण अफ्रीका ने भारत को हराया था — इसलिए यह ODI सीरीज़ सिर्फ अंक नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट की साख का सवाल बन गई थी। विजयी प्रदर्शन से भारतीय टीम के आत्मविश्वास को पुनः बल मिलेगा; हारने की स्थिति में आलोचनाओं का दबाव बढ़ जाता। 


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